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India Republic Day: The Complete Information | History, Celebrations, Importance, & Quiz

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By Vikas

1. India Republic Day: परिचय (Introduction)

गणतंत्र दिवस क्या है?

गणतंत्र दिवस भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपनी संविधान को लागू किया और भारतीय गणराज्य के रूप में एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में खुद को स्थापित किया। यही दिन था जब भारत ने औपचारिक रूप से एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में दुनिया में अपनी पहचान बनाई।

इस दिन को मनाने के पीछे की वजह सिर्फ स्वतंत्रता की नहीं, बल्कि यह भारत के लोकतंत्र, संविधान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन चुका है। गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय उत्सव नहीं है, बल्कि यह देश के प्रत्येक नागरिक के अधिकारों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को याद दिलाने का दिन है।

गणतंत्र दिवस का महत्व और क्यों मनाते हैं?

गणतंत्र दिवस का महत्व इसलिए है क्योंकि यह भारत के संविधान के लागू होने का दिन है, जो देश के कानून और शासन की आधारशिला है। यह दिन भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की पुष्टि करता है और यह बताता है कि हर नागरिक को समान अधिकार मिलते हैं। गणतंत्र दिवस हमें हमारे संविधान की अहमियत और उसके द्वारा दिए गए अधिकारों की याद दिलाता है।

भारत का संविधान दुनिया के सबसे बड़े और सबसे विस्तृत लिखित संविधान में से एक है, जो भारतीय समाज की विविधता, संस्कृति और मूल्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया। यह संविधान भारतीय नागरिकों को न केवल स्वतंत्रता और समानता का अधिकार देता है, बल्कि उन्हें सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर भी आधारित जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है।

गणतंत्र दिवस का जश्न मनाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह हमें हमारे पूर्वजों की संघर्षशीलता और उनकी स्वतंत्रता संग्राम में दी गई बलिदानों की याद दिलाता है। यह दिन हमारे राष्ट्र के गौरव और संप्रभुता का प्रतीक है, और हम इसे हर साल मनाकर अपने संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करते हैं।

2. गणतंत्र दिवस का इतिहास (History of Republic Day)

गणतंत्र दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई?

गणतंत्र दिवस की शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई थी, जब भारत ने अपने संविधान को पूरी तरह से लागू किया। यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूना पैक्ट के तहत स्वतंत्रता की मांग को लेकर "पूर्ण स्वराज" का नारा दिया था। इसी दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया, और 20 वर्षों बाद 1950 में भारत ने अपने संविधान को अपनाया। गणतंत्र दिवस मनाने की यह परंपरा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के उद्घाटन के साथ शुरू हुई।

गणतंत्र दिवस का महत्व इसलिए है क्योंकि यह दिन भारतीय संविधान के तहत भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के सफलतापूर्वक लागू होने का प्रतीक है। यह दिन केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि यह भारतीय नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को एक ठोस रूप में स्थापित करता है।

26 जनवरी 1950 की अहमियत

26 जनवरी 1950 को भारत ने आधिकारिक रूप से अपना संविधान लागू किया, जिससे देश एक स्वतंत्र और गणराज्य के रूप में उभरा। इससे पहले, 15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त की थी, लेकिन स्वतंत्रता मिलने के बाद भी देश के पास कोई स्थिर संविधान नहीं था। भारत को अपने संविधान के तहत एक स्पष्ट और लोकतांत्रिक ढांचे की आवश्यकता थी, जिसे पूरा किया गया 26 जनवरी 1950 को।

इस दिन भारत का पहला राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने दिल्ली के राजपथ पर ध्वजारोहण किया और भारतीय संविधान को लागू कर दिया। यही दिन था जब भारत का संविधान पूरी तरह से लागू हुआ, और इस दिन को "गणतंत्र दिवस" के रूप में मनाया जाने का प्रारंभ हुआ।

स्वतंत्रता संग्राम से गणतंत्र तक का सफर

भारत का स्वतंत्रता संग्राम एक लंबा और संघर्षपूर्ण दौर था, जिसमें अनेक महापुरुषों और नेताओं ने अपनी जान की आहुतियाँ दीं। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, देश को एक ऐसे संविधान की आवश्यकता थी जो भारत के विविधतापूर्ण समाज, संस्कृति और राजनीति को एक ठोस रूप दे सके।

गांधी जी, नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को दिशा दी। उनके संघर्षों के फलस्वरूप, भारत को स्वतंत्रता तो मिली, लेकिन देश की राजनीति और समाज को संगठित करने के लिए एक नया संविधान बनाना ज़रूरी था।

संविधान निर्माण के लिए एक संविधान सभा का गठन किया गया, जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर, पं. जवाहरलाल नेहरू और अन्य नेताओं ने मिलकर संविधान तैयार किया। यह संविधान भारतीय समाज की विविधता को सम्मान देने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का प्रयास था। 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को लागू किया गया, और भारत ने स्वतंत्रता के बाद अपनी नई यात्रा की शुरुआत की।

डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान निर्माण में उनकी भूमिका

डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता माने जाते हैं। उन्हें "संविधान निर्माता" के रूप में सम्मानित किया जाता है, क्योंकि उन्होंने भारतीय संविधान को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंबेडकर जी ने भारतीय समाज में व्याप्त जातिवाद, असमानता और सामाजिक अन्याय को समाप्त करने के लिए संविधान में विभिन्न प्रावधानों को शामिल किया।

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उनकी अगुवाई में, संविधान सभा ने भारत के नागरिकों को समान अधिकार, न्याय, और स्वतंत्रता देने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए। उन्होंने महिलाओं, दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधानों को संविधान में शामिल किया। डॉ. अंबेडकर का यह योगदान भारतीय लोकतंत्र के मजबूत नींव के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

उनके नेतृत्व में, भारतीय संविधान ने न केवल राजनीतिक स्वतंत्रता दी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा भी दिखायी। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही डॉ. अंबेडकर के विचारों और योगदान का महत्वपूर्ण स्थान सुनिश्चित हुआ।

3. गणतंत्र दिवस के प्रमुख आयोजन (Major Celebrations of Republic Day)

राजपथ पर ध्वजारोहण और परेड (Flag Hoisting and Parade at Rajpath)

गणतंत्र दिवस की सबसे महत्वपूर्ण और प्रतीकात्मक घटना दिल्ली के राजपथ पर होती है। यह दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराने से शुरू होता है। राष्ट्रपति 26 जनवरी को सुबह के समय राजपथ पर भारत के सर्वोच्च सम्मान के प्रतीक के रूप में तिरंगा झंडा फहराते हैं। इसके बाद, पूरे देशभर से आए कलाकारों, सैनिकों और अन्य प्रतिभाशाली व्यक्तियों द्वारा भव्य परेड का आयोजन होता है।

यह परेड देश की सैन्य ताकत, सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक है। इसमें भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की टुकड़ियाँ और अन्य सुरक्षा बलों के जवान अपने सर्वोत्तम कौशल और अनुशासन का प्रदर्शन करते हैं। साथ ही, इस दौरान विभिन्न राज्य अपनी सांस्कृतिक धरोहरों, पारंपरिक वेशभूषा और कारीगरी को प्रदर्शित करते हैं।

राष्ट्रपति का रोल और कार्यक्रम (President’s Role and Program)

गणतंत्र दिवस के प्रमुख आयोजन में भारत के राष्ट्रपति का महत्वपूर्ण और सम्मानित रोल होता है। राष्ट्रपति सबसे पहले राजपथ पर तिरंगा फहराते हैं और फिर परेड का निरीक्षण करते हैं। राष्ट्रपति का यह कृत्य भारतीय गणराज्य के सबसे उच्च पदाधिकारी के रूप में उनके समर्पण और देश के संविधान के प्रति सम्मान को दर्शाता है।

राष्ट्रपति का मुख्य कार्य सशस्त्र बलों, पुलिस और अन्य सम्मानित व्यक्तियों द्वारा प्राप्त वीरता पुरस्कारों और सम्मान के वितरण में भी अहम भूमिका निभाना है। इसके बाद, वे राष्ट्रीय सम्मान से जुड़े कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों का वितरण करते हैं, जैसे कि पद्म पुरस्कार, वीरता पुरस्कार, और अन्य विशिष्ट सम्मान।

सैन्य परेड और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां (Military Parade and Cultural Performances)

गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना, वायु सेना, और नौसेना द्वारा भव्य सैन्य परेड की जाती है, जिसमें विभिन्न युद्ध वाहनों, मिसाइल सिस्टम, और सैन्य साजो-सामान का प्रदर्शन किया जाता है। यह परेड भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत और अनुशासन को दर्शाती है।

साथ ही, वायु सेना द्वारा एयर शो भी होता है, जिसमें फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर्स विभिन्न रचनात्मक तरीके से प्रदर्शन करते हैं। इन प्रदर्शनों से देशवासियों को अपने सैनिकों की ताकत और देश की सुरक्षा की स्थिति का अहसास होता है।

इसके अलावा, इस दिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आयोजित की जाती हैं, जिनमें विभिन्न राज्यों की लोक कला, संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाती हैं। ये प्रस्तुतियां भारतीय संस्कृति की विविधता को एक मंच पर प्रदर्शित करती हैं और यह साबित करती हैं कि भारत एकता में विविधता का प्रतीक है।

राज्य सरकारों की झांकियां और उनके विशेष योगदान (State Government Floats and Their Special Contributions)

गणतंत्र दिवस परेड में राज्य सरकारों की झांकियां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रत्येक राज्य अपनी सांस्कृतिक धरोहर, विकासात्मक उपलब्धियों और सामाजिक परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के लिए झांकियों का आयोजन करता है। ये झांकियां राज्यों की कला, संस्कृति, और सामाजिक बदलावों का अद्भुत संगम होती हैं।

राज्य सरकारों की झांकियां उन विशेष योगदानों का प्रदर्शन करती हैं जो उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में किए हैं। उदाहरण के लिए, एक राज्य की झांकी में उस राज्य की पारंपरिक कला, लोक संगीत या कृषि विकास को प्रदर्शित किया जा सकता है, जबकि दूसरे राज्य की झांकी में महिला सशक्तिकरण या जल संरक्षण जैसी योजनाओं का चित्रण हो सकता है।

यह झांकियां केवल राज्य की पहचान और संस्कृति का प्रदर्शन नहीं करतीं, बल्कि यह दर्शाती हैं कि भारत के विभिन्न राज्यों में किस प्रकार से समाजिक, आर्थ‍िक और सांस्कृतिक प्रगति हो रही है। झांकियों के माध्यम से राज्यों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपलब्धियां दिखाने का एक मंच मिलता है।

4. गणतंत्र दिवस का वार्षिक विषय (Annual Theme of Republic Day)

इस वर्ष का गणतंत्र दिवस विषय (This Year's Republic Day Theme)

हर वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर एक विशेष विषय (Theme) तय किया जाता है, जो उस वर्ष के सामाजिक, सांस्कृतिक या राजनीतिक संदर्भ को दर्शाता है। इस वर्ष का गणतंत्र दिवस विषय "Nari Shakti" (महिला शक्ति) है, जो महिलाओं की शक्ति, उनके योगदान और समाज में उनके सम्मान को मान्यता देने के उद्देश्य से चुना गया है।

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भारत सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी भागीदारी को लेकर इस विषय को प्रमुखता दी है, ताकि देश के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका को उजागर किया जा सके। इस विषय के माध्यम से सरकार और समाज की ओर से महिलाओं को बराबरी का दर्जा और सम्मान देने की दिशा में की गई प्रगति को दर्शाया जाता है।

इस विषय को लेकर गणतंत्र दिवस परेड में महिलाओं से संबंधित विभिन्न झांकियां और प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं, जो भारत में महिलाओं के अधिकारों, उनके संघर्षों और समाज में उनके स्थान को दर्शाते हैं। साथ ही, यह भी दिखाता है कि कैसे महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों जैसे शिक्षा, राजनीति, खेल, कला और व्यवसाय में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

हर साल के विषय का महत्व और सांस्कृतिक संदर्भ (Importance and Cultural Context of Annual Themes)

गणतंत्र दिवस का वार्षिक विषय हर साल के सांस्कृतिक, सामाजिक, और राष्ट्रीय संदर्भ को परिभाषित करता है। यह विषय भारतीय समाज में चल रही महत्वपूर्ण चर्चाओं और परिवर्तनों का प्रतिनिधित्व करता है।

  1. सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ
    हर साल के विषय का चयन ऐसे मुद्दों पर आधारित होता है जो उस समय की समाजिक और सांस्कृतिक स्थितियों को बेहतर ढंग से प्रस्तुत कर सकें। जैसे कि कुछ सालों पहले "स्वच्छ भारत" अभियान को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता पर आधारित विषय रखा गया था। इसी तरह, महिला सशक्तिकरण, जलवायु परिवर्तन, और युवाओं का योगदान जैसे विषय भी समय-समय पर प्रमुखता से रखे गए हैं।
  2. राष्ट्रीय उद्देश्य और प्रेरणा
    वार्षिक विषय न केवल एक सामाजिक संदेश देता है, बल्कि यह नागरिकों को प्रेरित करने और एकजुट करने का भी काम करता है। यह देशवासियों को यह याद दिलाता है कि गणतंत्र दिवस सिर्फ एक जश्न का दिन नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय लक्ष्यों और सामूहिक जिम्मेदारियों की पुष्टि का दिन है। जैसे, "आत्मनिर्भर भारत" विषय ने देश में स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के लिए एक नया दृष्टिकोण पेश किया।
  3. राजनीतिक और आर्थिक संदर्भ
    समय के साथ, गणतंत्र दिवस के विषय में बदलते राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों का भी प्रभाव पड़ता है। जब देश को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है या किसी खास नीति की ओर बढ़ने की जरूरत होती है, तो उस संदर्भ में विषय चुना जाता है। उदाहरण के लिए, "आत्मनिर्भर भारत" का विषय देश में आर्थिक सुधारों और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए चुना गया था।
  4. भविष्य की दिशा तय करना
    गणतंत्र दिवस का वार्षिक विषय देश की भविष्यवाणी और दिशा को भी परिभाषित करता है। यह दिखाता है कि देश के लोग किस दिशा में बढ़ने का विचार कर रहे हैं और किस प्रकार के सुधारों या लक्ष्यों की ओर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इस तरह, यह विषय उस वर्ष के राष्ट्रीय लक्ष्यों, विचारधाराओं और प्राथमिकताओं का प्रतिनिधित्व करता है।

5. गणतंत्र दिवस पुरस्कार (Republic Day Awards)

पद्म पुरस्कार (Padma Awards) और उनका महत्व

पद्म पुरस्कार भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हो। इन पुरस्कारों में तीन श्रेणियां होती हैं:

  1. पद्म श्री (Padma Shri): यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो, जैसे कला, खेल, विज्ञान, साहित्य, सामाजिक कार्य, चिकित्सा, और व्यापार। यह एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कार्यों को मान्यता देता है।
  2. पद्म भूषण (Padma Bhushan): यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित कार्य किए हों। यह एक उच्च श्रेणी का पुरस्कार है और यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने समाज, राजनीति, या किसी अन्य क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो।
  3. पद्म विभूषण (Padma Vibhushan): यह पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के रूप में माना जाता है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने अपने जीवन में अद्वितीय और अतुलनीय योगदान दिया हो, और जिनका कार्य भारतीय समाज, संस्कृति, या किसी अन्य क्षेत्र में दूरगामी प्रभाव डालने वाला हो।

पद्म पुरस्कार न केवल उन व्यक्तियों के योगदान को मान्यता प्रदान करते हैं, बल्कि यह भारतीय समाज में उनके द्वारा किए गए कामों को बढ़ावा देने का भी एक तरीका है। इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन लोगों को सम्मानित करना है जिन्होंने अपने कार्यों से समाज में बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

वीरता पुरस्कार और उनके विजेताओं का सम्मान

गणतंत्र दिवस पर वीरता पुरस्कार भी दिए जाते हैं, जिनमें मुख्य रूप से कीर्ति चक्र, विक्रम सेना, शौर्य चक्र और महावीर चक्र जैसी श्रेणियाँ शामिल हैं। ये पुरस्कार भारतीय सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के कर्मचारियों को उनके साहस, वीरता और समर्पण के लिए दिए जाते हैं।

  1. महावीर चक्र (Maha Vir Chakra): यह पुरस्कार भारतीय सशस्त्र बलों के सैनिकों को उनकी असाधारण वीरता और साहस के लिए प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार युद्ध के समय में दुश्मन के खिलाफ साहसिक कार्य करने के लिए दिया जाता है।
  2. कीर्ति चक्र (Kirti Chakra): यह पुरस्कार महावीर चक्र के बाद दूसरा सबसे ऊंचा वीरता पुरस्कार है। इसे सैनिकों को उनकी वीरता और साहस के लिए दिया जाता है, खासतौर पर उन लोगों को जो युद्ध के मैदान में अपने कर्तव्यों को निभाते हुए गंभीर खतरे का सामना करते हैं।
  3. विक्रम सेना (Vikram Sena): यह पुरस्कार सुरक्षा बलों के कर्मचारियों को उनके अद्वितीय वीरता कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है। इसे खासतौर पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को दिया जाता है जो अपने कार्यस्थल पर दुश्मन से जूझते हुए वीरता दिखाते हैं।
  4. शौर्य चक्र (Shaurya Chakra): यह पुरस्कार उन सैनिकों को दिया जाता है जिन्होंने विशेष परिस्थितियों में उच्च वीरता दिखाई हो और जो अपनी जान की परवाह किए बिना अपने कर्तव्यों को निभाते हैं। यह पुरस्कार युद्ध या शांति समय में साहसिक कार्यों के लिए दिया जाता है।

वीरता पुरस्कार उन बहादुर जवानों का सम्मान करने का एक तरीका है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सेवा की है। इन पुरस्कारों के माध्यम से भारत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि उन बहादुर सैनिकों और पुलिसकर्मियों की वीरता और बलिदान को हमेशा याद किया जाए।

गणतंत्र दिवस पर इन पुरस्कारों का वितरण उन लोगों के प्रति सम्मान और आदर व्यक्त करता है जिन्होंने अपने कार्यों से राष्ट्र की सेवा की है। इन पुरस्कारों के विजेताओं का नाम भारतीय इतिहास में हमेशा के लिए अमर रहेगा और ये पुरस्कार न केवल सम्मान का प्रतीक हैं, बल्कि यह प्रेरणा भी प्रदान करते हैं कि राष्ट्र के लिए अपने कर्तव्यों को निभाते हुए कोई भी व्यक्ति महान बन सकता है।

6. गणतंत्र दिवस के दिन सार्वजनिक अवकाश (Public Holiday on Republic Day)

क्या सभी जगह 26 जनवरी को अवकाश होता है?

26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और यह एक राष्ट्रीय अवकाश है। इसका मतलब है कि देशभर में सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक संस्थाओं, और शैक्षिक संस्थानों में अवकाश रहता है। हालांकि, यह अवकाश राष्ट्रीय स्तर पर घोषित होता है, लेकिन कुछ विशेष मामलों में इसका पालन स्थानिक रूप से अलग-अलग हो सकता है।

  1. राष्ट्रीय स्तर पर अवकाश: भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय अवकाश के तहत सभी सरकारी दफ्तर, बैंक, पोस्ट ऑफिस, और सार्वजनिक संस्थान 26 जनवरी को बंद रहते हैं। इस दिन सरकारी कार्यों के लिए कर्मचारियों को छुट्टी दी जाती है।
  2. राज्य स्तर पर अवकाश: कुछ राज्यों में, जहां पर राज्य द्वारा घोषित कोई अन्य त्यौहार या विशेष कार्यक्रम होता है, वहां गणतंत्र दिवस के दिन सरकारी कार्यालयों में काम हो सकता है। हालांकि, यह बहुत कम होता है और ज्यादातर जगहों पर गणतंत्र दिवस का अवकाश ही होता है।

स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और संस्थाओं में क्या बंद रहता है?

  1. स्कूलों: गणतंत्र दिवस के दिन अधिकांश स्कूलों में अवकाश होता है, लेकिन कुछ स्कूलों में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों और राष्ट्रीय ध्वज फहराने की प्रक्रिया के लिए स्कूल खुले रहते हैं। इस दिन स्कूलों में छात्रों को गणतंत्र दिवस के महत्व और देश की सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जागरूक किया जाता है। छात्र विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हैं जैसे कि ध्वजारोहण, मार्च पास्ट, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां।
  2. सरकारी दफ्तर: गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय अवकाश होने के कारण अधिकांश सरकारी दफ्तरों में अवकाश रहता है। सरकारी कर्मचारियों को इस दिन छुट्टी दी जाती है, ताकि वे राष्ट्रीय उत्सव का हिस्सा बन सकें और इस दिन को श्रद्धा एवं गर्व के साथ मना सकें। हालांकि, कुछ आवश्यक सेवाएं जैसे पुलिस, अस्पताल, और आपातकालीन सेवाएं कार्यरत रहती हैं।
  3. प्राइवेट संस्थाएं और व्यवसाय: प्राइवेट कंपनियां और व्यवसाय गणतंत्र दिवस के दिन खुल सकते हैं, हालांकि यह पूरी तरह से कंपनी की नीति पर निर्भर करता है। कुछ कंपनियां इस दिन अपने कर्मचारियों को अवकाश देती हैं, जबकि कुछ कंपनियां सामान्य रूप से काम करती हैं। विशेष रूप से मल्टीनेशनल कंपनियां या व्यवसाय जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार काम करती हैं, वे इस दिन काम कर सकते हैं।
  4. बैंक और अन्य सार्वजनिक सेवाएं: बैंक और अन्य सार्वजनिक सेवाएं जैसे पोस्ट ऑफिस, अधिकांश सार्वजनिक कार्यालय, और सरकारी उपक्रम गणतंत्र दिवस के दिन बंद रहते हैं। इसलिए, इस दिन बैंकिंग कार्यों से संबंधित काम जैसे चेक जमा करना, अकाउंट में धनराशि ट्रांसफर करना, और अन्य कार्यों को पहले ही निपटा लेना चाहिए।

क्या कुछ सेवाएं चालू रहती हैं?

गणतंत्र दिवस के दिन देश की सुरक्षा और नागरिकों की सहायता के लिए कुछ सेवाएं चालू रहती हैं:

  • आपातकालीन सेवाएं: एंबुलेंस, अस्पताल, पुलिस, और दमकल सेवाएं कार्यरत रहती हैं।
  • ट्रांसपोर्ट: सार्वजनिक परिवहन जैसे बसें, ट्रेन, और एयरलाइंस सामान्य रूप से अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं, हालांकि कुछ ट्रेनों और बसों में बदलाव हो सकता है, जो विशेष रूप से राष्ट्रीय उत्सवों के कारण होते हैं।

7. गणतंत्र दिवस पर प्रमुख अतिथि (Chief Guests on Republic Day)

गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि कौन होते हैं और उनका स्वागत क्यों किया जाता है?

गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि वह विदेशी व्यक्ति होते हैं जो भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किए जाते हैं। यह परंपरा 1950 से चली आ रही है, जब भारत ने संविधान लागू किया था और अपनी स्वतंत्रता को एक मजबूत लोकतंत्र में तब्दील किया था। मुख्य अतिथि आमतौर पर किसी दूसरे देश के प्रमुख नेता, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राजनयिक होते हैं।

मुख्य अतिथि का स्वागत गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय उत्सव में विशेष सम्मान के साथ किया जाता है। उनका आमंत्रण भारत और उस विशेष देश के बीच संबंधों को मजबूत करने, दोस्ती और सहयोग को बढ़ावा देने और भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को बढ़ाने के उद्देश्य से होता है। मुख्य अतिथि के आने से यह संकेत मिलता है कि भारत का अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मजबूत और सकारात्मक संबंध हैं।

मुख्य अतिथि को आमतौर पर राजपथ पर आयोजित होने वाली परेड के दौरान विशिष्ट स्थान पर बैठने के लिए आमंत्रित किया जाता है। उन्हें भारत की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रमों का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है। इसके साथ ही, मुख्य अतिथि को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है और विभिन्न राजनीतिक नेताओं के साथ मुलाकात का भी अवसर मिलता है।

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क्या मुख्य अतिथि का चुनाव हर साल बदलता है?

हां, गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन हर साल बदलता है। भारत सरकार हर वर्ष विभिन्न देशों और उनके नेताओं को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिए विचार करती है। मुख्य अतिथि का चयन भारत की राजनीतिक, कूटनीतिक और व्यापारिक रणनीतियों के आधार पर किया जाता है।

मुख्य अतिथि का चुनाव कई पहलुओं पर निर्भर करता है:

  1. द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना: भारत अपने व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए अपने साथियों और सहयोगियों से गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए प्रमुख व्यक्तित्वों को आमंत्रित करता है।
  2. सुरक्षा और सामरिक सहयोग: कई बार मुख्य अतिथि वे देश के नेता होते हैं जिनसे भारत की सुरक्षा, रक्षा या सामरिक साझेदारी जुड़ी होती है।
  3. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व: कभी-कभी मुख्य अतिथि का चयन उन देशों से किया जाता है जिनसे भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध मजबूत होते हैं।
  4. वैश्विक राजनीति में सक्रियता: भारत के वैश्विक राजनीतिक दृष्टिकोण के अनुरूप भी मुख्य अतिथि का चयन किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि भारत किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर किसी विशेष मुद्दे पर कार्य कर रहा है, तो उस देश के नेता को आमंत्रित किया जा सकता है।

8. गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम (Republic Day Programs)

गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत में विभिन्न प्रकार के खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से राष्ट्रीय समारोह, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, और राज्यस्तरीय आयोजन शामिल होते हैं। यह दिन भारत के लोकतंत्र और संविधान की ताकत को मान्यता देने का होता है, और प्रत्येक कार्यक्रम में देश की विविधता, संस्कृति और गौरव का उत्सव होता है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि गणतंत्र दिवस पर देशभर में क्या प्रमुख कार्यक्रम होते हैं:

1. राजपथ पर मुख्य समारोह (Main Ceremony at Rajpath)

राजपथ पर गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली में आयोजित होता है, जो भारतीय गणराज्य का प्रमुख उत्सव है। यह कार्यक्रम भारत सरकार और राष्ट्रपति के नेतृत्व में होता है।

  • ध्वजारोहण (Flag Hoisting): गणतंत्र दिवस की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने से होती है। इसके बाद राष्ट्रगान 'जन गण मन' गाया जाता है।
  • सैन्य परेड (Military Parade): भारतीय सेना, वायु सेना, और नौसेना के जवानों द्वारा राजपथ पर भव्य परेड की जाती है, जिसमें वे अपने शक्ति प्रदर्शन, कौशल, और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन करते हैं।
  • सांस्कृतिक प्रस्तुतियां (Cultural Performances): राज्य सरकारें अपनी संस्कृति, परंपराओं और लोक कला का प्रदर्शन करती हैं। विभिन्न राज्यों द्वारा अपनी झांकियां (floats) प्रस्तुत की जाती हैं, जो उनकी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं।
  • मुख्य अतिथि का स्वागत (Welcome of Chief Guest): इस कार्यक्रम में हर वर्ष एक विदेशी प्रमुख नेता या देश का प्रमुख अतिथि होता है, जिसे भारत में सम्मानित किया जाता है। वे इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ मंच पर बैठते हैं और परेड का अवलोकन करते हैं।

2. विद्यालयों और संस्थानों में कार्यक्रम (Programs at Schools and Institutions)

गणतंत्र दिवस के दिन देशभर के स्कूलों और शैक्षिक संस्थाओं में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

  • ध्वजारोहण और मार्च पास्ट (Flag Hoisting and March Past): स्कूलों में प्रधानाचार्य या प्रमुख अतिथि द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। छात्रों द्वारा मार्च पास्ट, गीत, और नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Programs): छात्र इस दिन पर विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुतियां करते हैं, जैसे देशभक्ति गीत, नृत्य, नाटक, और कविताएं, जो राष्ट्रीय एकता और गौरव को बढ़ावा देती हैं।

3. राज्य स्तरीय कार्यक्रम (State-Level Programs)

हर राज्य में गणतंत्र दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें स्थानीय नेताओं, मुख्यमंत्री, और अन्य प्रमुख अधिकारी भाग लेते हैं।

  • राज्य सरकार की झांकियां (State Government Floats): राज्य सरकारें अपनी झांकियों के माध्यम से राज्य के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक पहलुओं को प्रदर्शित करती हैं।
  • सांस्कृतिक मेला (Cultural Fairs): राज्य स्तर पर सांस्कृतिक मेलों का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें स्थानीय कला, हस्तशिल्प, भोजन और पारंपरिक प्रदर्शन शामिल होते हैं।

4. वीरता पुरस्कार और सम्मान समारोह (Gallantry Awards and Honors Ceremony)

गणतंत्र दिवस के अवसर पर वीरता पुरस्कारों का वितरण भी किया जाता है। ये पुरस्कार भारतीय सशस्त्र बलों, पुलिस बलों, और अन्य सुरक्षा कर्मियों को उनके साहस और बलिदान के लिए दिए जाते हैं।

  • पद्म पुरस्कारों का वितरण (Padma Awards Ceremony): गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के प्रमुख नागरिकों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। यह पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए दिया जाता है, जैसे कला, खेल, शिक्षा, चिकित्सा, और समाज सेवा।

5. अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम (Other Public Programs)

गणतंत्र दिवस के अवसर पर कई अन्य कार्यक्रम भी होते हैं जो देशभर में राष्ट्रीय धरोहर, ऐतिहासिक महत्व, और सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किए जाते हैं।

  • रैली और मार्च (Rallies and Marches): विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठन गणतंत्र दिवस के अवसर पर रैलियां और मार्च आयोजित करते हैं। ये रैलियां राष्ट्रीय एकता और साहस को बढ़ावा देती हैं।
  • सामाजिक और सांस्कृतिक समारोह (Social and Cultural Events): विभिन्न सामुदायिक और सांस्कृतिक संगठन इस दिन विभिन्न सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जिसमें नृत्य, संगीत, और कवि सम्मेलन शामिल होते हैं।

6. सैन्य स्टेडियम और अन्य स्थानों पर विशेष प्रदर्शन (Special Performances at Military Stadiums and Other Locations)

कई सैन्य स्थलों और खेल स्टेडियमों पर भी विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें विशेष सैन्य प्रदर्शन, खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं।

9. गणतंत्र दिवस से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting Facts About Republic Day)

गणतंत्र दिवस भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है, लेकिन इसके बारे में कई ऐसे रोचक तथ्य हैं जिन्हें कम लोग जानते हैं। ये तथ्य न केवल इस दिन के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करते हैं, बल्कि इसे एक राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी बनाते हैं।

1. भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, लेकिन 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को तैयार हुआ था और उसे भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, लेकिन इसे लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया था। 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने "पूर्ण स्वतंत्रता" (Purna Swaraj) की घोषणा की थी। यह दिन स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के रूप में चुना गया, और इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।

2. पहली बार गणतंत्र दिवस परेड कब आयोजित की गई थी?

भारत में गणतंत्र दिवस पर पहली बार परेड 26 जनवरी 1950 को नई दिल्ली के राजपथ पर आयोजित की गई थी। इस दिन भारतीय सेना ने अपनी शक्ति और गौरव का प्रदर्शन किया था, और यह परेड भारत के स्वतंत्रता संग्राम की स्मृति में आयोजित की गई थी।

3. गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि की परंपरा कब से शुरू हुई?

गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में एक विदेशी नेता को बुलाने की परंपरा 1950 से शुरू हुई थी। पहला मुख्य अतिथि Indonesian President Sukarno थे, जो भारत की स्वतंत्रता और गणराज्य के निर्माण के अवसर पर भारत आए थे। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका था और इस दिन के महत्व को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलनी शुरू हुई थी।

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4. गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी अतिथि क्यों नहीं आए थे 2021 में?

COVID-19 महामारी के कारण 2021 में गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी मुख्य अतिथि नहीं बुलाया गया। यह एक अनोखी घटना थी, क्योंकि यह पहली बार था जब 1950 के बाद से गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी अतिथि नहीं आया। महामारी के चलते सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया था, ताकि भारत के नागरिकों और विदेशी नेताओं दोनों की सेहत सुरक्षित रहे।

5. गणतंत्र दिवस पर भारतीय सेना की परेड में शामिल होने वाले जानवर

भारत की सैन्य परेड में केवल जवानों और अधिकारियों का ही प्रदर्शन नहीं होता, बल्कि इसमें घोड़े और तोपें भी शामिल होते हैं। भारतीय सेना के घुड़सवार दल (Cavalry) और तोपों का प्रदर्शन गणतंत्र दिवस परेड में एक प्रमुख आकर्षण होता है। यह परेड के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।

6. गणतंत्र दिवस पर पुरस्कार वितरण का महत्व

गणतंत्र दिवस पर पद्म पुरस्कारों का वितरण किया जाता है, जो कि भारत के नागरिकों के द्वारा किए गए असाधारण कार्यों को सम्मानित करने का एक तरीका है। इन पुरस्कारों में पद्मश्री, पद्मभूषण, और पद्मविभूषण शामिल हैं। ये पुरस्कार कला, खेल, साहित्य, समाज सेवा, चिकित्सा, विज्ञान, और सार्वजनिक जीवन में योगदान देने वाले लोगों को दिए जाते हैं।

7. गणतंत्र दिवस के दिन भारत के विभिन्न राज्यों की झांकियां

गणतंत्र दिवस पर, राज्य सरकारें अपनी विशेष झांकियां (floats) प्रस्तुत करती हैं। ये झांकियां राज्य की संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और सामाजिक पहलुओं को दर्शाती हैं। हर राज्य की झांकी में विशेषत: उस राज्य के पारंपरिक परिधान, कला, और लोक जीवन की झलक होती है, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को उजागर करती है।

8. गणतंत्र दिवस के दिन भारतीय वायु सेना का शक्ति प्रदर्शन

गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायु सेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करती है। वायु सेना के सैन्य विमानों का फ्लाईपास्ट एक प्रमुख आकर्षण होता है। इन विमानों द्वारा किए गए करतब और परेड के दौरान उनकी अवाजों से राजपथ गूंज उठता है, जो भारतीय शक्ति का प्रतीक होते हैं।

9. राष्ट्रीय ध्वज का आकार और इसका महत्व

गणतंत्र दिवस पर भारतीय ध्वज (Tiranga) को सम्मानित किया जाता है, और यह केवल एक ध्वज नहीं बल्कि भारतीय एकता, स्वतंत्रता और संघर्ष का प्रतीक है। भारतीय ध्वज का आकार 2:3 के अनुपात में होता है, जिसमें तीन रंग होते हैं - केसरिया (ऊपरी हिस्सा), सफेद (मध्य में चक्र), और हरा (निचला हिस्सा)। इसके मध्य में धर्म चक्र (Ashoka Chakra) है, जिसमें 24 स्तंभ होते हैं, जो जीवन के अनवरत प्रवाह और गतिशीलता को दर्शाते हैं।

10. गणतंत्र दिवस और भारतीय संस्कृति का मिश्रण

गणतंत्र दिवस न केवल भारत के लोकतांत्रिक सिद्धांतों का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और विविधता का उत्सव भी है। परेड में कई प्रकार के भारतीय संगीत, लोक नृत्य, और संस्कृति के पहलुओं का प्रदर्शन किया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य भारत की मूल्य प्रणाली और संविधान की ताकत को समझाना और सभी भारतीयों में राष्ट्रीयता की भावना को जागृत करना है।

11. गणतंत्र दिवस और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

गणतंत्र दिवस का दिन भारत की राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया है क्योंकि यह सभी धर्मों, जातियों और भाषाओं के लोगों को एकजुट करने का अवसर प्रदान करता है। गणतंत्र दिवस का उत्सव पूरे देश में मनाया जाता है, चाहे कोई भी सामाजिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि हो। यह दिन भारत की विविधता में एकता को सम्मानित करने का दिन है।

10. Republic Day FAQ (Frequently Asked Questions)

यहां पर गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ सामान्य सवालों के उत्तर दिए गए हैं, जो लोगों के मन में अक्सर आते हैं:

1. गणतंत्र दिवस क्यों 26 जनवरी को मनाया जाता है?

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ था, और भारत एक संविधानिक गणराज्य बना। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 1930 में घोषित "पूर्ण स्वतंत्रता" (Purna Swaraj) की घोषणा की याद में मनाया जाता है। इस दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के संघर्षों का सम्मान किया जाता है और लोकतंत्र की ताकत को प्रकट किया जाता है।

2. क्या गणतंत्र दिवस केवल दिल्ली में मनाया जाता है?

नहीं, गणतंत्र दिवस पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन दिल्ली में इसका मुख्य समारोह राजपथ पर होता है। दिल्ली में होने वाली परेड और ध्वजारोहण का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर होता है, जबकि राज्य स्तर पर भी हर राज्य में गणतंत्र दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इन कार्यक्रमों में झांकियां, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और अन्य सरकारी समारोह शामिल होते हैं। इसके अलावा, स्कूलों और संस्थाओं में भी ध्वजारोहण और अन्य कार्यक्रम होते हैं।

3. गणतंत्र दिवस पर क्या विशेष परेड होती है?

गणतंत्र दिवस पर राजपथ, दिल्ली पर भव्य परेड आयोजित की जाती है, जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना, और नौसेना के जवान भाग लेते हैं। इसके अलावा, राज्य सरकारों द्वारा अपनी सांस्कृतिक झांकियां (floats) भी प्रस्तुत की जाती हैं, जो राज्य की विविधता, संस्कृति और परंपराओं को दर्शाती हैं। इस परेड के दौरान ध्वजारोहण, मार्च पास्ट, और फ्लाईपास्ट जैसे ऐतिहासिक घटनाएं होती हैं, जिनमें भारतीय सेना की ताकत का प्रदर्शन किया जाता है।

4. गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति किसे सम्मानित करते हैं?

गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रपति भारतीय नागरिकों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं। इनमें प्रमुख पुरस्कार पद्म पुरस्कार, वीरता पुरस्कार, और सामाजिक सेवा के पुरस्कार होते हैं। राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किए जाने वाले प्रमुख पुरस्कारों में पद्मश्री, पद्मभूषण, और पद्मविभूषण शामिल हैं, जो कला, खेल, चिकित्सा, साहित्य, विज्ञान, और समाज सेवा में योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिए जाते हैं। इसके अलावा, वीरता पुरस्कार भी सैनिकों और सुरक्षा बलों के कर्मियों को उनकी वीरता और बलिदान के लिए दिए जाते हैं।

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5. गणतंत्र दिवस के पुरस्कारों में कौन-कौन से पुरस्कार शामिल हैं?

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले प्रमुख पुरस्कारों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • पद्म पुरस्कार: ये पुरस्कार कला, साहित्य, विज्ञान, खेल, समाज सेवा और अन्य क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिए जाते हैं। पद्म पुरस्कारों में तीन श्रेणियाँ होती हैं:
    • पद्मविभूषण: यह भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जो उच्चतम स्तर पर योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है।
    • पद्मभूषण: यह पुरस्कार तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार के रूप में सम्मानित किया जाता है।
    • पद्मश्री: यह भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जो विशिष्ट योगदान देने वालों को दिया जाता है।
  • वीरता पुरस्कार: ये पुरस्कार भारतीय सेना, पुलिस बल, और अन्य सुरक्षा बलों के कर्मियों को उनके साहस और बलिदान के लिए दिए जाते हैं। इनमें महावीर चक्र, वीर चक्र, और शौर्य चक्र जैसे पुरस्कार शामिल हैं।
  • राष्ट्रीय पुरस्कार: गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत सरकार शौर्य पुरस्कार और सामाजिक सेवा पुरस्कार जैसे अन्य सम्मान भी प्रदान करती है।

11. गणतंत्र दिवस पर क्विज़ और PDF (Quiz and PDF for Practice)

गणतंत्र दिवस पर आधारित छोटा क्विज़ (Republic Day Quiz)

यह क्विज़ गणतंत्र दिवस के बारे में आपकी जानकारी को जांचने के लिए तैयार किया गया है। इस क्विज़ को हल करके आप गणतंत्र दिवस के इतिहास, महत्व और इसके आयोजनों के बारे में अपनी समझ को और भी बढ़ा सकते हैं।

1. गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

  • A) भारतीय संविधान लागू होने के कारण
  • B) स्वतंत्रता संग्राम की याद में
  • C) महात्मा गांधी की जयंती के रूप में
  • D) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गठन के कारण

2. भारतीय संविधान कब लागू हुआ था?

  • A) 15 अगस्त 1947
  • B) 26 जनवरी 1950
  • C) 15 अगस्त 1950
  • D) 26 नवंबर 1949

3. गणतंत्र दिवस पर पहली बार परेड कब आयोजित की गई थी?

  • A) 26 जनवरी 1947
  • B) 26 जनवरी 1950
  • C) 15 अगस्त 1950
  • D) 26 जनवरी 1955

4. गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में पहला विदेशी नेता कौन था?

  • A) अमेरिकी राष्ट्रपति
  • B) इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो
  • C) ब्रिटिश प्रधानमंत्री
  • D) फ्रांसीसी राष्ट्रपति

5. गणतंत्र दिवस पर किस दिन भारतीय राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं?

  • A) 15 अगस्त
  • B) 2 अक्टूबर
  • C) 26 जनवरी
  • D) 5 अप्रैल

6. गणतंत्र दिवस के दौरान परेड का मुख्य आकर्षण क्या होता है?

  • A) विभिन्न राज्य सरकारों की झांकियां
  • B) भारतीय सेना का फ्लाईपास्ट
  • C) सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
  • D) उपरोक्त सभी

7. गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति किसे सम्मानित करते हैं?

  • A) केवल भारतीय सैनिकों को
  • B) केवल सरकारी कर्मचारियों को
  • C) नागरिकों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए
  • D) केवल विदेशी नेताओं को

8. गणतंत्र दिवस पर कौन सा पुरस्कार भारतीय नागरिकों को दिया जाता है?

  • A) भारत रत्न
  • B) पद्म पुरस्कार
  • C) वीरता पुरस्कार
  • D) शौर्य पुरस्कार

क्विज़ का उत्तर:

  1. A) भारतीय संविधान लागू होने के कारण
  2. B) 26 जनवरी 1950
  3. B) 26 जनवरी 1950
  4. B) इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो
  5. C) 26 जनवरी
  6. D) उपरोक्त सभी
  7. C) नागरिकों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए
  8. B) पद्म पुरस्कार

12. गणतंत्र दिवस का महत्व (Importance of Republic Day)

गणतंत्र दिवस भारत के इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जो न केवल भारतीय संविधान की शुरुआत को मनाता है, बल्कि यह भारत के लोकतांत्रिक सिद्धांतों और गणराज्य की स्थापना को भी सम्मानित करता है। इस दिन का महत्व कई स्तरों पर व्याख्यायित किया जा सकता है:

गणतंत्र दिवस और भारतीय गणराज्य की स्थापना:

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भारतीय संविधान लागू हुआ था। इससे पहले भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद, जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तब उसे एक संविधान की आवश्यकता थी जो देश के हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा कर सके और उसे एक लोकतांत्रिक ढंग से शासन करने की व्यवस्था प्रदान कर सके। भारतीय संविधान की प्रस्तावना में, हम "हम भारत के लोग" शब्दों से अपनी संप्रभुता और स्वाधीनता की घोषणा करते हैं।

इस दिन के साथ ही भारत गणराज्य के रूप में अस्तित्व में आया, जो यह दर्शाता है कि भारत में सत्ता का सर्वोच्च स्रोत जनता है, न कि किसी राजा या सम्राट। भारतीय संविधान में नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता, और भाईचारे के अधिकार दिए गए, जिससे भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना।

भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मज़बूत करने में गणतंत्र दिवस का योगदान:

गणतंत्र दिवस केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं है, बल्कि यह भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के महत्व को प्रतिपादित करता है। भारतीय संविधान, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, ने भारत में एक सशक्त और स्थिर लोकतांत्रिक प्रणाली की नींव रखी। यह सुनिश्चित करता है कि भारत में हर नागरिक को समान अधिकार प्राप्त हों और सरकार द्वारा किए गए फैसले जनता की इच्छाओं और जरूरतों के अनुसार हों।

गणतंत्र दिवस के दिन जब भारत के राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं, तो यह दिन भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं, संविधान की शक्ति, और स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को सम्मानित करने का प्रतीक बन जाता है। इस दिन, हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों को याद करते हैं और यह समझते हैं कि एक लोकतंत्र की सफलता नागरिकों की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करती है।

  • लोकतांत्रिक संस्थाओं का मजबूत होना: गणतंत्र दिवस का जश्न यह दिखाता है कि भारत में लोकतांत्रिक संस्थाएं जैसे संसद, न्यायपालिका, और चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं और सरकार पर निगरानी रखती हैं।
  • संविधान का संरक्षण: गणतंत्र दिवस हमें यह याद दिलाता है कि भारतीय संविधान हमारी आस्थाओं और लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करने का मार्गदर्शक है। यह हमारे अधिकारों का रक्षा करता है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मज़बूत करता है।

समाप्ति में:

गणतंत्र दिवस का महत्व भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, और लोकतांत्रिक धरोहर को मान्यता देने में है। यह दिन केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की शक्ति और उसकी स्थिरता का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस हमें याद दिलाता है कि भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जहां प्रत्येक नागरिक के पास अपनी आवाज़ और अधिकारों को व्यक्त करने का अवसर है। यह हमें हमारे कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करता है, ताकि हम अपने देश की प्रगति में सक्रिय योगदान दे सकें।


 

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